🎭 विष्णु प्रसाद: एक सशक्त कलाकार का सफर
विष्णु प्रसाद ने मलयालम टेलीविजन और फिल्मों में शानदार काम किया था। 'काय एथुम दूरथ', 'रनवे', 'लायन', 'लोकनाथन IAS' और 'बेन जॉनसन' जैसी कई फिल्मों में वे अहम भूमिका में रहे। टीवी में भी उन्होंने 'Radha Madhavam' और 'Amma Makal' जैसे शो से खूब सराहना बटोरी।
💔 जब जिंदगी की कीमत थी 30 लाख
विष्णु गंभीर लिवर रोग से जूझ रहे थे। डॉक्टरों ने जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी। उनकी बेटी ने लिवर डोनेट करने की बात भी कही, लेकिन सर्जरी के लिए 30 लाख रुपये की जरूरत थी — जो परिवार नहीं जुटा सका।
🆘 मदद की गुहार, लेकिन वक्त ने साथ नहीं दिया
Association of Television Media Artistes (ATMA) ने विष्णु की मदद के लिए अभियान भी चलाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शुक्रवार सुबह कोच्चि के एक निजी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली।
🕯️ सोशल मीडिया पर शोक की लहर
उनकी मौत की खबर सुनकर मलयालम इंडस्ट्री सदमे में है। अभिनेता किशोर सत्या ने सबसे पहले यह खबर साझा की और लिखा – “एक और साथी चला गया, और हम कुछ नहीं कर सके।” फैंस ने भी सोशल मीडिया पर गुस्सा और दुख जाहिर किया।
क्या एक ज़िंदगी वाकई पैसों की मोहताज हो सकती है?
एक कलाकार चला गया... और इस बार वजह सिर्फ बीमारी नहीं, बल्कि सिस्टम की बेरुख़ी भी थी।
मलयालम इंडस्ट्री के उभरते सितारे विष्णु प्रसाद का निधन केवल एक दुखद समाचार नहीं, बल्कि एक ऐसा सवाल है जो आज हर कलाकार, हर आम आदमी के दिल को झकझोर देता है — "क्या एक ज़िंदगी वाकई पैसों की मोहताज हो सकती है?"
विष्णु, जिन्होंने पर्दे पर सैकड़ों दिलों को छुआ, खुद अपनी ज़िंदगी के सबसे अहम मोड़ पर अकेले रह गए — जब उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रूरत थी, और परिवार के पास पैसे नहीं थे। सोशल मीडिया पर अपीलें हुईं, लेकिन शायद काफ़ी देर हो चुकी थी।
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