चाहे वो कोर्टरूम ड्रामा हो या आत्म-खोज की कहानी, इन फिल्मों में महिलाओं ने लीड रोल में आकर सिनेमा की सोच को बदला है। पेश हैं वो 7 शानदार महिला-केंद्रित फिल्में जिन्होंने समाज को नई सोच दी:
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पिंक (2016) – तापसी पन्नू की यह फिल्म महिलाओं की सहमति और आज़ादी पर समाज की सोच को चुनौती देती है।
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क्वीन (2013) – कंगना रनौत द्वारा निभाई गई रानी का किरदार सगाई टूटने के बाद अकेले हनीमून और आत्म-खोज पर निकलता है।
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राज़ी (2018) – आलिया भट्ट ने देश के लिए निजी खुशियों की कुर्बानी देने वाली एक युवा जासूस का दमदार किरदार निभाया।
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कहानी (2012) – विद्या बालन कोलकाता में अपने लापता पति की तलाश में निकली एक गर्भवती महिला के रूप में शानदार अभिनय करती हैं।
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थप्पड़ (2020) – तापसी पन्नू की यह फिल्म घरेलू हिंसा और समाज की महिला पर अपेक्षाओं पर सवाल उठाती है।
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गंगूबाई काठियावाड़ी (2022) – आलिया भट्ट ने एक कोठा संचालिका से ताकतवर नेता बनी महिला की सच्ची कहानी को पर्दे पर जीवंत किया।
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लापता लेडीज़ (2024) – ग्रामीण महिलाओं और उनकी पहचान की उलझनों को दर्शाती यह फिल्म एक गहरी सामाजिक संदेश के साथ सामने आई है।
इन फिल्मों ने दिखाया कि अब महिलाएं सिर्फ प्रेमिका नहीं, बल्कि मजबूत और जटिल किरदार भी हैं जो कहानी के केंद्र में हैं।
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