कुंग फू मास्टर जैकी चैन उस वक्त हैरान हो गए, जब उन्होंने सुना कि कुंग फू भारत की कला है, चीनी सुपरस्टार चैन का पूरा करियर इसी कुंग फू की देन है. उन्हें ताज्जुब हो रहा है कि जिस कला को वह चीन की देन समझ रहे थे, असल में वह पड़ोसी मुल्क भारत की खोज है।
जैकी चैन दो दिन पहले ही भारत से अपने देश लौटे हैं. वह फिल्म ‘कुंग फू योगा’ की शूटिंग के सिलसिले में राजस्थान के कई लोकेशनों पर सात दिनों तक व्यस्त थे। इसी दौरान उन्हें एक्टर टाइगर श्रॉफ के एक बयान से पता चला कि कुंग फू भारत की देन है।
जैकी चैन दो दिन पहले ही भारत से अपने देश लौटे हैं. वह फिल्म ‘कुंग फू योगा’ की शूटिंग के सिलसिले में राजस्थान के कई लोकेशनों पर सात दिनों तक व्यस्त थे। इसी दौरान उन्हें एक्टर टाइगर श्रॉफ के एक बयान से पता चला कि कुंग फू भारत की देन है।
क्या था टाइगर श्रॉफ का बयान
टाइगर श्रॉफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि 'कुंग फू विश्व को भारत की ही देन है. मार्शल आर्ट की इस खास टैकनीक को लाने वाले भारतीय मूल के बौद्ध संत बोधिधर्मा ही थे।
बहरहाल लोगों को यह भ्रम है कि कुंग फू चीन की देन है. लेकिन यह बात सही है कि चीन के लोग इसे ज्यादा सीखते हैं और आत्मरक्षा के लिए इस विधा को अपनाते हैं. लेकिन इससे यह तो साबित नहीं होता है कि कुंगफू चीन की ही खोज हो।
संत बोधिधर्मा को कुंग फू का पिता कहा जाता है. चीन के शाओलिन में उनके नाम पर कई मंदिर बने हैं. तो कयास ये लगाए जाते रहे हैं कि 6वीं सदी के समय संत बोधिधर्मा चीन गए. उस समय चीन का कोई अस्तित्व नहीं था, संत तो हिंदकुश के हिमालय पर्वत के उस पार रह रहें लोगों को बौद्ध धर्म का ज्ञान देने गए थे।
लेकिन वह वहीं बस गए और साथ में अपने नायाब अविष्कार कुंग फू को वहां के लोगों में बांटा. जिससे कुंग फू उस खास इलाके में पूरी तरह से फला-फूला. इन्हीं सब बातों पर टाइगर ने कहा कि 'कुंग फू का अविष्कार भारत में हुआ है।
कुंग फू मार्शल आर्ट की सबसे पुरानी विधा है जिसमें बिना किसी हथियार के लड़ाई लड़नी होती है. यूं कहें तो यह बिना लड़े लड़ने की कला है. इस बात को लेकर दूविधा है कि कुंग फू भारतीय बौद्ध संत बोधिधर्मा की शिक्षाओं पर आधारित है जो कि छठीं सदी में चीन में चले गए थे या नहीं।
लेकिन यह बात निश्चित है कि बोधिधर्मा जहां भी गए अपने साथ मार्शल ऑर्ट का एक नायाब रूप अपने साथ लेकर गए. जैसा कि केरल का कलिरीपयट्टू आप अभी देख सकते हैं. बोधिधर्मा शॉओलिन में बने नए मंदिर में रह गए और अन्य बौद्ध संतों के साथ अपनी पूरी जिंदगी इसी कला को सौंप दी. समय के साथ-साथ कुंग फू चाइना के साथ पूरे विश्व में फैला और आज इसे सबसे खतरनाक फाइटिंग स्किल माना जाता है।
जैकी चैन इस बात से इतने बैचेन थे कि पूरे दिन फिल्म के सेट पर काम से डाइवर्टेड नजर आए. उन्होंने अपने क्रू से लेकर कई करीबी दोस्तों को फोन पर ये बातें बताईं. कभी ताज्जुब करते हुए, तो कभी हंसते हुए, मानो टाइगर की ये बातें उन्हें हजम नहीं हुईं।
चैन बैचैन इसलिए हो गए, क्योंकि उन्हें अब यह अहसास हुआ कि लगभग आधी जिंदगी उन्होंने यह सोचकर बिता दी कि चीन ने विश्व को कुंग फू दिया . चैन का परेशान होना लाजमी है, क्योंकि कुंग फू के एम्बेजडर या उसकी परछाई लोग जैकी चैन को ही मानते हैं।
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