फिल्म रिव्यू- 'दो पत्ती' कहानी 'दो पत्ती' तमाशा

Movie Review Do Patti Full Movie Download HD

Movie Review Do Patti: दो बहनें जुड़वां पैदा हुईं उत्तराखंड के एक गाँव में। एक को बाहर पढ़ने भेज दिया और दूसरी रह गई घर में। एक लौटकर आई तो दूसरी का ब्याह रचा दिया गया। बचपन से पहली दूसरी को पसंद नहीं करती। दोनों सीता और गीता जैसी हैं। इसलिए फ़िल्म में भी सीता-गीता कई बार इस्तेमाल हुआ है। दूसरी कि शादी के बाद पहले वाली ने दूसरी वाली के पति से चक्कर चलाना शुरू किया। दूसरी वाली का पति उसके साथ घरेलू हिंसा करता रहा और एक दिन..... 

इत्तू सी कहानी है इस फ़िल्म की जिसे लपेट-लपेट कर दो घंटे से ऊपर का बनाया गया है। घरेलू हिंसा पर हिंदी पट्टी वालों ने ढेरों फ़िल्में बनाई हैं और वे खूब पसंद भी की गईं हैं। हर घरेलू हिंसा की फ़िल्मों की तरह यह फ़िल्म भी बताती है कि हर साल हमारे देश 4 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत हो  जाती है। और फिर उन घरों में वे बीवियां महाभारत में कृष्ण के अर्जुन को दिए गये उपदेश जो धर्म है उसे निभाओ को निभाती चली जाती हैं किन्तु उस उपदेश के एकदम उल्ट। फिर पति चाहे मारे-पीटे, प्यार करे या जान से मार दे। 

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घरेलू हिंसा जब होती है घरों में तो गलती सिर्फ़ आदमी की नहीं होती उन सबकी होती है जो इसे होते हुए देखते हैं। और यही इस फ़िल्म में भी हुआ है। दोनों बहनों की माँ को लेकर घरेलू हिंसा, फिर एक बहन का दूसरी से नफ़रत और उनकी जिंदगी में पति का हिंसा करना। कहानी सुनने में प्यारी लगती है लेकिन जब इसे पटकथा के तौर पर देखा जाता है तो यह आपके दिल में नहीं उतर पाती। कई सारी अच्छी लोकेशन्स भी आपको लुभाने के बजाए चुभने लगती है। बेहद कमजोर पटकथा कई जगह कई फ़िल्मों से प्रभावित होकर बनाया गया बैकग्राउंड स्कोर इसे और कमजोर करता है। गाने सुनने में अच्छे लगते हैं लेकिन इतने नहीं की आपको फ़िल्म पूरी होने के बाद याद भी रह पाए। 

 

कृति सेनन का अभिनय प्रभावित करता है। शहीर कुछ एक सीन में अच्छे लगे हैं लेकिन काज़ोल को जो रोल मिला उसे वे कायदे से निभा पाने में बुरी तरह चूकी हैं। बृजेन्द्र काला बीच-बीच में आकर फ़िल्म को अपने अभिनय से संभालते हैं। तन्वी आजमी, विवेक मुशरान, चितरंजन त्रिपाठी फ़िल्म में जरूरत भर का अभिनय बुरक यूँ निकल जाते हैं मानों चुटकी भर हल्दी डाल दी गई हो। शशांका चतुर्वेदी का निर्देशन और कनिका ढिल्लों की लिखी कहानी दोनों ही दो पत्ती कहानी और दो पत्ती तमाशा बनकर रह गई है।

इस दो पत्ती के तमाशे के लिए अपनी रेटिंग ... 2 स्टार   

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